देहरादून । भाजपा आज अपना स्थापना दिवस माना रही है, 45 साल की भाजपा अपनी उम्र को देखे या फिर देश में अपने वजूद को. हालांकि जब पार्टी के करियर की शुरुआत हुई थी, तब किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि एक दिन भाजपा को देश की जनता का प्रचंड बहुमत मिलेगा, लेकिन वर्तमान की तस्वीर सबके सामने हैं . बीजेपी न केवल देश मे स्पष्ट बहुमत वाली सरकार बनी बल्कि देश की सबसे बड़ी पार्टी भी बनी है . भाजपा के 45वें स्थापना दिवस पर जानते है इसके इतिहास को ।
6 अप्रैल 1980 को भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई. देश भर में कांग्रेस के माहौल के बीच जनसंघ से निकली भारतीय जनता पार्टी का सफर आसान नहीं था. जब पार्टी को महज दो सीटें मिली थी तब दीनदयाल उपाध्याय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी के विचारों से आगे बढ़ी पार्टी ने आज वो फतह हासिल कर ली है जो कि अपने आप में एक अलग इतिहास बनाती है. आज भाजपा देश के अधिकतर राज्यों में काबिज है, तो दुनिया की सबसे ज्यादा सदस्य वाली पार्टी का तमगा भी उसके नाम है. पार्टी के शुरुआती दौर के सफर को अटल बिहारी वाजपेयी ने आगे बढाया , जिसके बाद लालकृष्ण आडवाणी की बुलंद आवाज ने पार्टी को मजबूती दी. शुरुआत में पार्टी की छवि हिंदुत्ववादी पार्टी के रूप में उभरी, लेकिन बाद में बंगारू लक्ष्मण को पार्टी की कमान सौंप कर दलित वर्ग पर भी बड़ी छाप छोड़ी. इस बीच 6 दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस की खबर ने देश की जनता को चौंका दिया और कांग्रेस के साथ अब भाजपा भी जनता को विकल्प नजर आने लगी.
अंधेरा छटेगा, सूरज निकलेगा, कमल खिलेगा की बात कहने वाले भारत रत्न आज दुनिया में भले ही नहीं है, लेकिन उनकी मेहनत से खड़ी हुई पार्टी दुनियाभर में सिरमौर बनी हुई है. 1984 में पार्टी को लोकसभा में महज दो सीटें मिली, लेकिन उसके पांच साल बाद 1989 में 85 सीटें हासिल की. 1991 में फिर चुनाव हुए जिसमें 120 सीटें हासिल की, 1996 में पार्टी को और मजबूती मिली और 161 सीटें हासिल की. 1998 में 182 तो 2014 आते आते बीजेपी ने अपने बूते पर स्पष्ट बहुमत की सरकार बना ली. 2019 लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी के चेहरे पर 303 सीटों के साथ प्रचंड बहुमत से फिर से सत्ता में लौटी , 2024 लोकसभा चुनाव के रण के बीच में बीजेपी 45 वां स्थापना दिवस मना रही है. बीजेपी इस बार मिशन 400 पार लक्ष्य लेकर चल रही है.