उत्तराखंड में आगामी नगर निकाय चुनावों को लेकर आरक्षण सूची जारी.

देहरादून : उत्तराखंड में निकाय चुनावों को लेकर अब अंतिम दौर का कार्य चल रहा है. शहरी विकास द्वारा नगर निकाय चुनाव के लिए आरक्षण को मंजूरी दे दी गई. शहरी विकास निदेशालय द्वारा जारी किए गए आदेशों में नगर पालिका, नगर पंचायत और नगर निगम के लिए अधिसूचना जारी की गई है. वहीं, निदेशालय ने वार्ड के आरक्षणों की भी समय सारणी (Time Table) भी जारी कर दिया है.

इस बार आरक्षित सीटों पर बड़ा बदलाव किया गया है. ऋषिकेश नगर निगम एससी को दी है. वहीं देहरादून नगर निगम की बात की जाए तो वो सामान्य यानी अनारक्षित रखा गया है. इसके अलावा हरिद्वार नगर निगम को ओबीसी महिला को दी गई है. नगर निगम रुड़की महिला, नगर निगम कोटद्वार अनारक्षित, नगर निगम श्रीनगर भी अनारक्षित, नगर निगम रुद्रपुर अनारक्षित, नगर निगम काशीपुर अनारक्षित, नगर निगम हल्द्वानी ओबीसी, नगर निगम पिथौरागढ़ महिला और नगर निगम अल्मोड़ा भी महिला को दी गई.

उत्तराखंड में लंबे समय से नगर निकाय चुनाव की तारीख को लेकर संशय बना हुआ है. कभी आरक्षण की पेचीदगी तो कभी अन्य दूसरे मामलों की वजह से लगातार नगर निकाय चुनाव आगे बढ़ रहे थे. लेकिन अब शहरी विकास निदेशालय द्वारा जारी की गई आरक्षण की सूची के बाद उत्तराखंड में चुनावों को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है. फिलहाल शहरी विकास निदेशालय द्वारा वार्ड आरक्षण को लेकर उत्तराखंड के सभी जिला अधिकारियों को एक पत्र भी भेजा गया है जिसमें आरक्षण के प्रस्ताव तैयार करने की बात की गई है. अब 15 दिसंबर के बाद अंतिम अधिसूचना जारी की जाएगी. इसके साथ ही मेयर नगर पंचायत और नगर पालिका की अंतिम अधिसूचना जारी जल्द हो जाएगी.

नगर पालिका की पूरी लिस्ट:-

दरअसल, नगर निकाय चुनाव में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद एकल सदस्य समर्पित आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से ही ओबीसी आरक्षण लागू किया जाना था. साल 2018 के चुनाव के दौरान सभी निकाय में 14% ओबीसी आरक्षण लागू था लेकिन अब शहरी विकास निदेशालय ने आबादी के हिसाब से सीटों का आरक्षण तय किया है. इसके बाद सभी जिला अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में इस सूची पर सुझाव और आपत्ति दोनों मांगेंगे. उम्मीद जताई जा रही है कि नगर निगम और नगर पालिका चुनाव जनवरी महीने में हो सकते हैं, जबकि नगर पंचायत चुनाव फरवरी महीने में होने की संभावना है.

उत्तराखंड में मौजूदा समय में 112 शहरी निकाय हैं. इन सभी में मतदाता सूची भी लगभग तैयार हो गई है. राज्य के 13 जिलों में सबसे अधिक निकाय उधम सिंह नगर में हैं, जहां इनकी संख्या 19 है. जबकि सबसे कम निकाय बागेश्वर जिले में हैं जहां निकाय की संख्या 3 है. चुनावों को लेकर अब शहरी विकास निदेशालय जल्द चुनाव आयोग से मिलेगा.

इसको लेकर शहरी विकास मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल का कहना है कि आरक्षण की लिस्ट जारी हो चुकी है और अब हम चुनाव आयोग की कार्यक्रम और तिथि के अनुसार आगे बढ़ेंगे. जैसा चुनाव आयोग तय करेगा चुनाव तब हो जाएंगे. हालांकि, पहले 25 दिसंबर तक चुनावों की अधिसूचना जारी करने की बात की गई थी, लेकिन अब कब ये कार्यक्रम तय होगा ये फिलहाल स्पष्ट नहीं है, लेकिन मंत्री की मानें तो अब अंतिम कदम आगे बढ़ाया जा रहा है.

नगर पंचायत की पूरी लिस्ट-

महिलाओं के लिए इतनी सीटें आरक्षित: बता दें कि उत्तराखंड में कुल 11 नगर निगम हैं, जिसमें से एससी को एक सीट दी गई है. वहीं चार सीटें महिलाओं को दी गई हैं. वहीं, नगर पालिक परिषद में कुल 15 सीटें महिलाओं को दी गई हैं जबकि नगर पंचायतों में 16 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं.

महिला आरक्षित होने से बिगड़ा नेताओं का समीकरण: आरक्षण सूची से पहले गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक राजनेता अपने-अपने क्षेत्र में तैयारी में लग गए थे, लेकिन आरक्षण सूची आने के बाद कई जगहों पर नेताओं का समीकरण बिगड़ गया है. मसलन हरिद्वार नगर निगम की बात की जाए तो बीजेपी और कांग्रेस से तमाम चेहरे लंबे समय से क्षेत्र में तैयारी में लगे हुए थे. देहरादून और दिल्ली में बैठे नेता भी लगातार स्थानीय नेताओं को आश्वासन दे रहे थे, लेकिन अचानक से ओबीसी महिला सीट हो जाने के बाद अब नए चेहरे का चुनावी मैदान में उतरना साफ हो गया है.

यही हाल रुड़की नगर निगम सीट पर भी है. यहां भी सीट महिला आरक्षित कर दी गई है. ऐसा ही हाल कुमाऊं के सबसे बड़े शहर हल्द्वानी का भी है. हल्द्वानी नगर निगम सीट को महिला ओबीसी सेट कर दिया गया है, जबकि पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा में भी महिलाओं को तवज्जो देते हुए आरक्षण में जगह दी गई है

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