देहरादून । लोकपर्व हरेला को लेकर वन विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके लिए 16 जुलाई से वन क्षेत्रों और वन पंचायतों में बीस हजार पौधे रोपे जाएंगे। इनमें फलदार और छायादार प्रजाति के पौधे भी शामिल रहेंगे। प्रभागीय वनाधिकारी डॉ. मयंक शेखर झा ने शनिवार को कालसी स्थित मुख्यालय में हुई हरेला पर्व की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए।
डीएफओ ने कहा कि पौधरोपण में जनसहभागिता भी सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए विभिन्न संस्थाओं, पंचायतों, वन पंचायतों, विभागों, निगमों को पौधरोपण के लिए कुछ पैच दिए जाएंगे। पौधों की पौध की उपलब्धता और तकनीकी सहयोग वन विभाग सुनिश्चित करेगा। जलवायु के आधार पर पौधों का चयन किया जाएगा। पौधारोपण के अंतर्गत वन विभाग अन्य विभागों व संस्थाओं से समन्वय कर वाटिकाएं भी विकसित करेगा। अन्य विभाग और संस्थाएं इन वाटिकाओं को नाम देने के साथ ही संरक्षण की जिम्मेदारी भी लेंगे।
प्रत्येक वन पंचायत में लगेंगे 20 पौधे
प्रत्येक वन पंचायत में विभिन्न प्रजातियों के 20 पौधे लगाए जाएंगे। डीएफओ के अनुसार संबंधित वन पंचायत इन पौधों के संरक्षण का दायित्व निभाएगी। डीएफओ ने बताया कि चकराता वन प्रभाग के तहत 184. वन पंचायतें हैं। निजी भूमि और वन पंचायतों में होने वाले पौधरोपण में पौधों के जीवित रहने की दर पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा। वन पंचायतों के अधीन क्षेत्रों में फलदार पौधे लगाए जाएंगे। इससे आजीविका के अवसर भी सृजित होंगे।