चारों धामों के दर्शन हेतु श्रद्धालुओं की निर्धारित सीमा समाप्त

देहरादून । मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर गढ़वाल आयुक्त/अध्यक्ष चारधाम यात्रा प्रशासन श्री विनय शंकर पांडेय द्वारा यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर ऋषिकेश एवं हरिद्वार में चारों धामों के दर्शन हेतु निर्धारित की गई सीमा को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। श्री पांडेय ने बताया कि वर्तमान में चारों धामों में भीड़ सामान्य हो चुकी है। ऐसे में मुख्यमंत्री जी के निर्देशानुसार जनहित में यह निर्णय लिया गया है। यात्रियों की सुविधा हेतु ऋषिकेश व हरिद्वार में चारों धामों के दर्शन के लिए निर्धारित कोटा व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है। अब यात्री ऋषिकेश व हरिद्वार के रजिस्ट्रेशन काउंटर में स्वयं भौतिक रूप से उपस्थित होकर चारों धाम, दो धाम या किसी भी धाम का सीधे रजिस्ट्रेशन प्राप्त कर अपनी यात्रा पर सुगमता से जा सकते हैं। यह आदेश चारों धामों में आने वाले यात्रियों की सुविधा हेतु तत्काल प्रभाव से लागू होगा।

गढ़वाल आयुक्त ने बताया कि इस वर्ष चारधाम यात्रियों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। गत वर्ष चारधाम यात्रा के शुरू के एक माह में 12,35,517 श्रद्धालुओं द्वारा धामों के दर्शन किए गए थे, जबकि इस वर्ष 19,64,912 श्रद्धालुओं द्वारा चारों धामों के दर्शन किए जा चुके हैं।

श्री केदारनाथ यात्रा को शुरू हुए 35 दिन पूरे हो चुके हैं। करीब 20 Km. के कठिन पैदल मार्ग में कई बार यात्री बीमार एवं चोटिल हो जाते हैं। ऐसे यात्रियों को तत्परता से रेस्क्यू करने हेतु जिला प्रशासन ने जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एवं सुरक्षा बलों की सहायता से रेस्क्यू सिस्टम तैयार किया है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि पैदल यात्रा मार्ग पर डीडीआरएफ, एसडीआरएफ, यात्रा मैनेजमेंट फोर्स, एनडीआरएफ सहित प्रशासन के अन्य कार्मिक तैनात हैं। किसी भी यात्री के चोटिल या बीमार होने पर रेस्क्यू टीम उन्हें उपचार हेतु स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर जाते हैं। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने बताया कि केदारनाथ धाम की यात्रा के दौरान अब तक 356 लोगों को मैनुअल रेस्क्यू किया जा चुका है। वहीं 43 लोगों को हेली सेवा के माध्यम से एवं 67 लोगों को एंबुलेंस के माध्यम से रेस्क्यू कर उपचार हेतु हायर सेंटर भेजा गया है।

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