ठाणा डांडा चकराता में पौराणिक बिस्सू मेला (गनियात) धूमधाम से मनाया गया

ठाणा डांडा चकराता में पौराणिक बिस्सू मेला (गनियात) धूमधाम से मनाया गया। मेले में ग्रामीणों का उत्साह देखते ही बन रहा था। इसके साथ ही क्षेत्र में चल रहे बिस्सू पर्व का समापन हो गया।

क्षेत्र का सबसे बड़ा बिस्सू मेला मंगलवार को चकराता के ठाणा डांडा में संपन्न हुआ। मेले में क्षेत्र के ठाणा, टुंगरा, रिखाड़, मागटी, पाटी, रावना, बुसस्वा, मयरावना, शिरवा, टुंगरोली, मेहपावटा, बेहमु, डेरियो, घणता, कोल्हा के हजारों ग्रामीणों ने प्रतिभाग किया। सुबह खत बनगांव के सैकड़ों ग्रामीण ढोल बाजों के साथ खत उपलगांव के ठाणा डांडा पहुंचे, जहां ठाणा के ग्रामीणों ने उनका पारंपरिक गीतों से स्वागत किया। जिसके बाद दोनों गांवों के पुरुषों हाथों में डंडे व तलवार लेकरं गनियात नृत्य किया। महिलाओं ने हारुल नृत्य कर बिस्सू पर्व मनाया। ग्रामीणों में मेले को लेकर काफी उत्साह देखा गया। मंगलवार को ठाणा डांडा में एकत्रित महिला-पुरुषों ने लोक गीतों ‘मेरे गाड़नो दरिओ मिनसी रे मोंणों…, ताऊ पण्डि वोले भेडूडीये कोई लागो पातेडी उना है… कथू वाता का मामला कथू वाता की ओध उदया सियाणा… जैसे लोकगीतों पर जमकर नृत्य किया। स्थानीय ग्रामीणों के साथ चकराता घूमने आए पर्यटकों ने भी मेले का जमकर लुत्फ उठाकर क्षेत्रीय लोक संस्कृति का दीदार किया। जौनसार की पारंपरिक वेशभूषा में सजे महिला पुरुषों का सुंदर दृश्य देखते ही बन रहा था। मेला स्थल पर लगे आइसक्रीम, चाउमीन, जूस, मिठाई आदि के स्टाल पर ग्रामीणों की काफी भीड़ नजर आई वहीं लोग वाहनों की कमी के चलते अधिकांश लोडरों में ओवरलोड होकर मेल स्थल तक पहुंचते नजर आए ।

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