देहरादून । भारत के युवा शूटर स्वप्निल कुसले ने पेरिस ओलंपिक 2024 में पुरुषों की 50 मीटर राइफल 3 पोजिशन फाइनल में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया. पहली बार किसी भारतीय निशानेबाज ने ओलंपिक में 50 मीटर राइफल 3 पोजिशन स्पर्धा में पदक जीता. इसके साथ ही कुसाले ने भारत को तीसरा पदक दिलाया. दिलचस्प बात यह है कि इस ओलंपिक में भारत ने निशानेबाजी खेलों में तीनों पदक जीते हैं.
मां सरपंच और पिता शिक्षक
महाराष्ट्र का जिला कोल्हापुर, जहां सबसे ज्यादा फुटबॉल का क्रेज है. यहां हर पेठा और गांव में एक फुटबॉल खिलाड़ी है. हालांकि, राधानगरी तालुका के कम्बलवाड़ी के मूल निवासी 29 वर्षीय स्वप्निल सुरेश कुसाले अपवाद थे. स्वप्निल के पिता सुरेश कुसाले जिला परिषद स्कूल में प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत हैं. मां गांव की सरपंच हैं और वारकरी समुदाय से हैं. स्वप्निल का एक छोटा भाई सूरज भी है जो खेल शिक्षक हैं.
स्वप्निल 2015 से सेंट्रल रेलवे में कार्यरत हैं. उनके पिता और भाई जिला स्कूल में शिक्षक हैं. मां गांव की सरपंच हैं. स्वप्निल ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘अब तक का अनुभव बहुत अच्छा रहा है. मुझे शूटिंग बहुत पसंद है. मैं बहुत खुश हूं कि मैं इतने लंबे समय तक ऐसा कर पाया. मैं शूटिंग में किसी खास खिलाड़ी को फॉलो नहीं करता. लेकिन दूसरे खेलों में धोनी मेरे पसंदीदा हैं. मैं अपने खेल में शांत रहना चाहता हूं. यह जरूरी है. वह हमेशा मैदान पर शांत रहते थे. वह एक बार टीसी भी रह चुके हैं और मैं भी’.