देहरादून । उत्तराखण्ड में आगामी नगर निकाय चुनाव को लेकर शासन स्तर पर गतिविधियाँ तेज होने लग गई है ।
ग़ौरतलब हो कि उत्तराखण्ड में लोकसभा चुनाव पहले चरण में संपन्न हो गये है और सबकी नज़र अब नगर निकाय चुनाव पर केंद्रित है , प्रदेश के कुल 108 निकायों में से 93 निकाय में जून अंत तक चुनाव कराये जाने की संभावना है । सरकार हाईकोर्ट में दायर याचिका में प्रशासकों का कार्यकाल खत्म होने तक चुनाव कराने का हलफनामा दे चुकी है। इस लिहाज से निकाय चुनाव एक जून से पूर्व कराए जाने हैं। इस काम में सबसे बड़ी उलझन लोकसभा चुनाव आचार संहिता को लेकर है। दरअसल सरकार को निकाय चुनाव से पहले ओबीसी आरक्षण का – पुनर्निधारण करना है। इसके तहत कुछ निकायों में ओबीसी आरक्षण तीन गुना तक बढ़ रहा है। इसके लिए सरकार को नगर निकाय के ऐक्ट में संशोधन करना है यह नीतिगत फैसला होने से सरकार को भारत निर्वाचन आयोग की अनुमति लेनी पड़ रही है। अनुमति मिलने के बाद ने सरकार मई मध्य तक प्रारंभिक आरक्षण घोषित कर सकती है। आरक्षण प्रक्रिया जून के प्रथम सप्ताह तक पूरी होने की संभावना है। इसके बाद शासन निर्वाचन को आयोग को चुनाव की अधिसूचना जारी करने पर सहमति दे सकता है। वहीं चुनाव को लेकर भाजपा – कांग्रेस समेत तमाम प्रतिनिधियों ने अपने स्तर पर चुनाव तैयारियाँ शुरू कर दी है ।