- शिक्षा के क्षेत्र में कर रहे अभिनव प्रयोग
देहरादून । विकासखंड चकराता के दार्मिगाड प्राथमिक विद्यालय में तैनात प्रधानाध्यापक डॉ. सुरेद कुमार आर्यन को अखिल भारतीय शिक्षा रत्न सम्मेलन में 14 जुलाई को ग्लोकल यूनिवर्सिटी सहारनपुर उत्तर प्रदेश में उत्कृष्ट योगदान और समर्पण के लिए सम्मानित किया जाएगा। प्रो. डॉ. पंकज कुमार मिश्रा ने कहा कि 14 जुलाई को करीब 37 शिक्षकों को उनके उत्कृष्ट कार्यो के लिए शिक्षा रत्न से सम्मानित किया जा रहा है।
स्वयं के संसाधनों से जनजातीय संग्रहालय का निर्माण कर रहे ।
शिक्षक को समाज का दर्पण कहा जाता है। वह दीये के समान समाज में ज्ञान रूपी प्रकाश फैलाते हैं। शिक्षा से समाज में खुशहाली का वातावरण बनता है। इस बात को सीमांत मैंदरथ निवासी शिक्षक सुरेंद्र आर्यन सार्थक कर रहे हैं। वह राजकीय सेवा के साथ जौनसारी जनजाति समाज की पुरातन सांस्कृतिक, धरोहर को बचाने के लिए स्वयं के संसाधनों से संग्रहालय बना रहे हैं।
बुशरा संजीन खंड शिक्षा अधिकारी ने कहा कि डॉ. सुरेद्र कुमार आर्यन कों इससे पूर्व मानद उपाधि भी मिली हुई है। वह जनजातीय संग्रहालय का निर्माण कर रहे हैं, जिसमें क्षेत्र की पौराणिक वस्तुएं उपलब्ध हैं। इसके साथ ही एक हजार से आठ हजार फीट की ऊंचाई पर उगने वाले फूलों को संग्रह कर फ्रेम किया गया है तथा बारकोड में उसकी जानकारी अंकित की जा रही है।