देहरादून । शिवम डोभाल । राजधानी में कुछ मार्गों के चौड़ीकरण में लगातार पेड़ काटे जाते रहे हैं। पूर्व में मार्ग चौड़ीकरण में सहस्त्रधारा क्रॉसिंग से सहस्त्रधारा तक मार्ग के चौड़ीकरण में सैकड़ों पेड़ काट दिए गए थे। स्थानीय नागरिकों ने पेड़ों को काटे जाने का लगातार विरोध किया था। अब दिलाराम चौक से कैंट तक मार्ग के चौड़ीकरण का प्रस्ताव है।
वन विभाग और पीडब्ल्यूडी के अफसरों की संयुक्त टीम मार्ग के चौड़ीकरण के लिए स्थलीय निरीक्षण कर चुकी है। विभाग काटे जाने वाले पेड़ों पर निशान भी लगा चुका है। कुछ पर्यावरणविद् और राजनीतिक दल सोशल मीडिया में पिछले कुछ दिनों से विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि क्षेत्र में पेड़ों से मौसम सुहावना बना रहता है। उन्होंने पेड़ काटे जाने के विरोध में रविवार को प्रदर्शन का एलान भी किया गया था ।
दिलाराम चौक से कैंट तक होना है मार्ग का चौड़ीकरण
राजधानी में दिलाराम चौक से कैंट तक मार्ग का चौड़ीकरण होना है। पहले चरण में दिलाराम चौक से विजय कालोनी तक सर्वे हो चुका है, जबकि दूसरे चरण में विजय कालोनी से कैंट तक का सर्वे होना है।
बड़ी संख्या में पहुँचे बच्चे ,युवा , बुजुर्ग
आज सुबह 6 बजे से ही दिलाराम चौक में बड़ी संख्या में लोग एकत्रित होने लगे जिनमें बच्चे ,बड़े , बुजुर्ग सभी उम्र के लोग मौजूद रहे है , दिलाराम से सेंट्रियो मॉल तक होने वाली इस पर्यावरण बचाओ वाक में कई संगठनों ने भाग लिया जिनमें , MAD , AAGAAZ YOUTH CLUB ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से पर्यावरण बचाओ का संदेश दिया , इस दौरान पराशक्ति एनजीओ , CLEAN AND GREEN ENVIRONMENT SOCIETY,अनूप नौटियाल , देहरादून शहर के जानकार विजय भट्ट उपस्थित रहे ।
विजय भट्ट ने सबसे पहले अपनी बात की शुरुआत अल्मोडा में मारे गये वनकर्मियों को श्रद्धांजलि दी और उनके अपूर्णीय योगदान को याद किया, आगे उन्होंने कहा की जब से हमने यह अस्थाई राजधानी बनायी है तब से हम यहाँ लगातार पेड़ काट रहे है , हमने 27हज़ार हेक्टेयर वन भूमि ख़त्म कर दी है जिससे देहरादून पानी के संकट से भी जूझ रहा है , हमें याद रखना चाहिए यहाँ के चरित्र को ,यहाँ बाग बगीचों के नाम पर स्थानों के नाम है , पानी के उद्गमों के नाम पर गाँव के नाम है लेकिन स्मार्ट सिटी के नाम पर हम इसे ख़त्म कर रहे है ।
जनगीतों के माध्यम से भरा लोगों में जोश
पेड़ बचाओ ,पर्यावरण बचाओ की इस वाक में सतीश धौलाखंडी, त्रिलोचन भट्ट आदि ने जनगीत गाकर वाक् की शुरुआत की और उपस्थित लोगों में जोश भरने का कार्य किया ।
आगाज यूथ क्लब द्वारा नुक्कड़ नाटक का मंचन
जून माह की 23 तारीख को जल, जंगल और ज़मीन के लिए निकले गए आंदोलन में “आगाज़ यूथ क्लब” द्वारा एक नुक्कड़ नाटक , जिसका नाम है ” दोगलापन ( खाली जंगल , हरी दीवारे) पेश किया गया। ये नुक्कड़ आधारित है दोगलपन पर। कि किस तरह पूरे शहर की दीवारों पर हरे भरे पेड़ो का और विलुप्त होते जानवरो का चित्र तो बनाया जा रहा है जबकि इसके बिल्कुल विपरीत जंगली जानवरों और पक्षियों के घरों यानी की जंगलों को खत्म किया जा रहा है। शहर की हरियाली नष्ट की जा रही हैं।
और दूसरा दोगलापन आम जनता जिसे उत्तराखण्ड की वादियों में घूमना तो है लेकिन उसके संरक्षण के लिए ज़रा भी योगदान देना वाजि़ब नही समझती ।
ये नुक्कड़ प्रमुख तौर पर एक हास्य व्यंग ( satire) पर आधारित है। और जनता की प्रतिक्रिया से साफ ज़ाहिर होता है की उन्हें ये नुक्कड़ बेहद पसंद आया। नाटक में अभिनय यूथ क्लब के सदस्यों हैरी , शिवम् डोभाल , उपासना, हिमांशु , समीर , अनुज ,धैरवी , रिहान आदि ने प्रस्तुति दी ।
क्लब के सदस्य हैरी ने बताया की हम सब को मिलकर पर्यावरणीय मुद्दों पर एकत्रित होकर कार्य करना होगा इसमें सबसे महत्वपूर्ण योगदान युवाओं का रहेगा ।