श्रीनगर। मां धारी देवी का परिसर केसरिया और पलास के साथ ही अन्य पौधों से रंग बिरंगा दिखाई देगा। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मां धारी देवी मंदिर परिसर के आसपास सघन वृक्षारोपण का जिम्मा उठाया है। उन्होंने मां धारी देवी मंदिर के दोनों किनारों पर वृक्षारोपण करने की योजना बनाई है। इसके लिए एनएसएस और एनसीसी के साथ ही विश्वविद्यालय और अन्य स्कूल कॉलेजों के सहयोग से वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाया जाएगा। जानकारी के मुताबिक मई में गड्ढे तैयार कर जुलाई में सघन वृक्षारोपण किया जाएगा। सभी की जियो टैगिंग की जाएगी।
पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने श्रीनगर में विश्वविद्यालय के शिक्षकों और श्रीनगर व चौरास के प्रबुद्ध लोगों के साथ बैठक में व्यापक वृक्षारोपण की चर्चा की। सभी ने पूर्व मुख्यमंत्री के प्रयासों को सराहा और सहयोग का दिया पूरा आश्वासन दिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर्यावरण प्रेमी के रूप में कर रहे है। वे वर्ष 1993 से प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में लगातार वृक्षारोपण में जुटे हैं।
मुख्यमंत्री रहते हुए 4 साल में देहरादून के ऋषिपर्णा और कोसी के साथ ही विभिन्न स्थानों पर व्यापक वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाये। पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र प्रदेश के लगभग सभी जिलों दूरस्थ स्थलों और मंदिर परिसर के आसपास वृक्षारोपण कर चुके हैं। उनका पीपल और बरगद के वृक्षों के रोपण पर है ज्यादा फोकस
रहा है। मां धारी देवी मंदिर को जाने वाले रास्ते के किनारे वे पहले भी कुछ पौधे लगा चुके हैं।