देहरादून। किसी भी नीति की परख, इस आधार पर होनी चाहिए कि वह जनता के पक्ष में है या आम जनता के विरुद्ध। देश में इस समय जो विकास का मॉडल है- वह आम जनता के हितों पर कुठाराघात करने वाला है। बीमा, बैंक, रेलवे समेत तमाम सार्वजनिक उपक्रम नीलाम किए जा रहे हैं।
मुनाफे वाले सार्वजनिक उपक्रमों के इस अंधाधुंध निजीकरण के पीछे यदि कोई तर्क है तो वो है सरकार के चहेते पूँजीपतियों को लाभ पहुंचाना।
यह बात भाकपा(माले) के राज्य कमेटी सदस्य कॉमरेड कैलाश पांडेय ने पार्टी के गढ़वाल सम्मेलन में मुख्य अतिथि एवं पर्यवेक्षक के तौर पर संबोधित करते हुए कही।
कॉमरेड कैलाश पांडेय ने कहा कि पटना में भाकपा(माले) का 11 वां महाधिवेशन 15-20 फरवरी के बीच होगा। यह महाधिवेशन फासीवाद के खिलाफ देश में लोकतंत्र, संविधान, न्याय के लिए संघर्ष करने वाली ताकतों का समागम होगा।
भाकपा (माले) के गढ़वाल सचिव इन्द्रेश मैखुरी ने कहा कि देश में फूट डालने के लिए निरंतर धार्मिक विभाजन पैदा किया जा रहा है। उत्तराखंड में नौकरियों की लूट, संसाधनों की लूट और जीवन की लूट बेधड़क चल रही है. डबल इंजन की सरकार ने लोगों पर चौतरफा हमला बोल दिया है।
यूकेएसएसएससी,विधानसभा भर्ती घोटाला, हेलंग, अंकिता भंडारी, केदार भंडारी आदि तमाम घटनाक्रम उत्तराखंड की भाजपा सरकार की विफलता के प्रमाण हैं। राज्य में कानून व्यवस्था चौपट है और मुख्यमंत्री अफसरों को पुरस्कार बांट रहे हैं।
भाकपा(माले) के राज्य कमेटी सदस्य अतुल सती ने कहा कि पूरा जोशीमठ तबाही के कगार पर खड़ा है और बार-बार चेताने के बावजूद सरकारें संवेदनहीन बनी हुई हैं। जिस संकट का सामना जोशीमठ कर रहा है, वह तबाही सिर्फ एक इलाके की नहीं हैं बल्कि धारचुला से देवप्रयाग तक वह तबाही दस्तक दे रही है। इसके लिए जलविद्युत परियोजनाओं से लेकर आल वैदर रोड और रेलवे तक के लिए बेतरतीब तरीके से किए जा रहे निर्माण और विस्फोट जिम्मेदार हैं।
पार्टी के सम्मेलन में किसान संगठन, छात्र संगठन, युवा संगठन, महिला संगठन और ग्रामीण गरीबों के संगठन के निर्माण और प्रसार पर चर्चा की गयी। सम्मेलन से पार्टी महाधिवेशन के लिए डेलीगेट के तौर पर कॉमरेड अतुल सती चुने गए।
सम्मेलन में ग्यारह सदस्य गढ़वाल कमेटी का चुनाव हुआ। कमेटी में इन्द्रेश मैखुरी, अतुल सती, मदन मोहन चमोली, किशन बिष्ट, धन सिंह बिष्ट, अतुल सती(आइसा), कपूर सिंह रावत, अंकित उछोली, शिवानी पांडेय और योगेन्द्र कांडपाल चुने गए। इन्द्रेश मैखुरी को पुनः पार्टी का गढ़वाल सचिव चुना गया।
सम्मेलन में संजय भंडारी, शिशुपाल डबरियाल, विनोद कुमार, धर्मेन्द्र राणा, महादीप सिंह, भरत चौकियाल, राज सिंह, नीरज आदि शामिल थे।