नरेन्द्रनगर। धर्मानंद उनियाल राजकीय महाविद्यालय परीक्षा समिति द्वारा एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट योजना के अंतर्गत छात्रों को एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पर कार्यशाला आयोजित की गई।
उल्लेखनीय है कि नई शिक्षा नीति 2020 के तहत एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट योजना का लाभ उन्हीं संस्थानों को मिलेगा जो यूजीसी के अंतर्गत मान्यता प्राप्त हो तथा संबंधित संस्थानों के छात्रों ने इस योजना के अंतर्गत अपने को पंजीकृत किया हो।
इस बात को मद्देजर र रखते हुए महाविद्यालय की ‘एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट समिति’ के नोडल ऑफिसर डॉ विजय प्रकाश भट्ट ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से छात्रों को एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट पंजीकरण प्रक्रिया को क्रमवार समझाया।
अवगत हो की एबीसी एक प्रकार का वर्चुअल स्टोर हाउस है जिसमें सभी विद्यार्थियों का डाटा रिकॉर्ड रहेगा यह एक कमर्शियल बैंक की तरह कार्य करेगा तथा विद्यार्थी इसके ग्राहक होंगे।
मानक संचालन प्रक्रिया (एस ओ पी) से संचालित इस बैंक में विद्यार्थी अपने अकादमी खाते से अपने पाठ्यक्रमों की क्रेडिट आसानी से कहीं भी देख सकता है। बताते चलें कि अभी तक एबीसी में स्टोर क्रेडिट की उम्र अधिकतम 7 वर्ष है इसके उपरांत खाताधारक इसका लाभ नहीं ले सकता है ।
बीए, बीएससी ,बीकॉम नई शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए आयोजित इस एकेडमिक बैंक कार्यशाला में परीक्षा प्रभारी डॉ नताशा समिति के सदस्य डॉ राजपाल सिंह रावत ,डॉ हिमांशु जोशी ,डॉ ज्योति शैली एवं कॉलेज प्राध्यापक डॉ विक्रम सिंह बर्त्वाल डॉ रश्मि उनियाल ,डॉ सृचना सचदेवा, डॉ सोनिया गंभीर, जितेंद्र नौटियाल विशाल त्यागी शिशुपाल रावत एवं अजय पुंडीर के अलावा बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे इस अवसर पर कई छात्रों ने मौके पर ही एबीसी के अंतर्गत अपने को पंजीकृत किया।