देहरादून : आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास आज मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) फैसले की घोषणा की. गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो दर को 6.5 फीसदी पर स्थिर रखा. शक्तिकांत दास ने कहा कि माइक्रो इकोनॉमी आउटलुक के विस्तृत आकलन के बाद एमपीसी ने 4:2 से रेपो रेट स्थिर रखने का फैसला किया है.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंकों से इनएक्टिव अकाउंट के साथ-साथ दावा न किए गए जमा की संख्या को कम करने को कहा है.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कैश रिजर्व रेशियो (सीआरआर) को 50 आधार अंकों (बीपीएस) घटाकर 4 फीसदी कर दिया.
वित्त वर्ष 2025 के लिए वास्तविक जीडीपी अब 6.6 फीसदी रहने का अनुमान है.
Q3FY25 6.8%
Q4FY25 7.2%
Q1FY26: 6.9
Q2FY26: 7.3%
वित्त वर्ष 25 के लिए महंगाई 4.8 फीसदी रहने का अनुमान है.
Q3FY25 – 5.7%
Q4FY25 – 4.5%
Q1FY26 – 4.6%
Q2FY26- 4%
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि खाद्य महंगाई तीसरी तिमाही के दौरान बनी रहने की उम्मीद है. लेकिन वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही से इसमें कमी आने की उम्मीद है. ज्यादा महंगाई उपभोक्ताओं की डिस्पोजेबल आय को कम करके प्रभावित करती है, जो बदले में खर्च और समग्र आर्थिक गतिशीलता को प्रभावित करती है.
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में कमजोरियां व्यापक नहीं हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि चुनौतियां पूरे उद्योग को प्रभावित करने के बजाय विशिष्ट क्षेत्रों तक ही सीमित हैं.
गवर्नर ने इस बात पर जोर डाला कि मौसम संबंधी घटनाओं की बढ़ती आवृत्ति, वित्तीय अस्थिरता और भू-राजनीतिक घटनाक्रम महंगाई के लिए महत्वपूर्ण जोखिम पैदा करते हैं.
अक्टूबर 2024 में भारत की महंगाई बढ़कर 6.2 फीसदी हो गई, जो आरबीआई की सहनशीलता सीमा को पार कर गई. और जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि धीमी होकर 5.4 फीसदी हो गई. अक्टूबर 2024 में पिछली एमपीसी बैठक में, आरबीआई ने रेपो दर को 6.5 फीसदी पर स्थिर रखने का फैसला किया था.
यह गवर्नर दास के नेतृत्व वाली अंतिम एमपीसी भी हो सकती है क्योंकि उनका कार्यकाल इस महीने समाप्त हो रहा है. हालांकि, यह अज्ञात है कि वह पद पर बने रहेंगे या नहीं क्योंकि दिसंबर 2018 में नियुक्त होने के बाद उन्हें 2021 में विस्तार मिला था.