देहरादून। उत्तराखंड स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण समिति की कार्यकारिणी समिति की बैठक सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एन.एच.एम.) मिशन निदेशक डॉ. आर. राजेश कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुई। सचिवालय में आयोजित इस बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए।
सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार द्वारा बताया गया कि प्रदेश में विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति ‘यू कोट वी पे’ मॉडल के आधार पर की जा रही है। फरवरी माह में प्रथम चरण में विशेषज्ञ चिकित्सकों के साक्षात्कार हुए जिसमें हमें काफी अच्छा रिस्पांस मिला। सीमांत जनपदों में विशेषज्ञ चिकित्सकों को नियुक्ति दे दी गई है, जिससे आमजन को स्वास्थ्य लाभ उन्हीं के गृह जनपदों में मिल रहा है। राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण हेतु आई.पी.एच.एस. मानकों के अनुसार विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तराखंड के अंतर्गत की जा रही है।
प्रदेश में प्रथम बार उत्तराखण्ड आर्युवेद यूनिवर्सिटी एवं एच.एन.बी, उत्तराखण्ड मेडिकल एजुकेशन यूनिवर्सिटी के सहयोग से 32 एलोपैथिक चिकित्सकों को आयुष पद्धति में संवेदनीकरण एवं सामान्य प्रशिक्षण प्रदान किया गया है जिस पर सचिव द्वारा बताया गया कि आयुर्वेद पद्धति के समावेश से स्वस्थ जीवनशैली को अपनाकर न केवल अस्वस्थ बल्कि स्वस्थ व्यक्तियों को भी लाभ मिलेगा। आयुष विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर इस प्रकार के प्रशिक्षण आगे भी किए जाने में सहमति प्रदान की गई।
बैठक में अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर, अमिता जोशी वित्त नियंत्रक एन.एच.एम., स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. विनिता शाह, डॉ. सरोज नैथानी निदेशक एन.एच.एम., डॉ. भारती राणा निदेशक स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय, डॉ. अजय कुमार नगरकर कार्यक्रम अधिकारी एन.एच.एम., महेंद्र मौर्य राज्य कार्यक्रम अधिकारी एन.एच.एम., कोमल कंडारी सहित अन्य अधिकारी/कर्मचारी मौजूद रहे।