देहरादून। राजभवन देहरादून में तीन दिन तक चले वसंतोत्सव-2023 का रविवार को समापन हो गया। देहरादून का सांस्कृतिक आयोजन बन चुके वसंतोत्सव के इन तीन दिनों में बड़ी संख्या में लोगों ने पुष्पों की प्राकृतिक सुंदरता और अन्य कार्यक्रमों का आनंद लिया। वसन्तोत्सव-2023 में इस वर्ष की चल वैजयंती (रनिंग ट्राफी) आईआईटी रूड़की को मिली। इस वर्ष आईआईटी रूड़की को 13 श्रेणियों में, ओएनजीसी को 10 श्रेणियों में, उत्तराखण्ड वन विभाग को 03 श्रेणियों में, बीएचईएल को 02 श्रेणियों में पुरस्कार प्राप्त हुए।
वसंतोत्सव में 16 श्रेणियों की 62 उपश्रेणियों में 186 प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार वितरित किये गये। राज्यपाल लेफ्टिनेट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने पुष्प प्रतियोगिताओं, रंगोली तथा बच्चों की चित्रकला प्रतियोगिता, फोटो प्रतियोगिता आदि श्रेणियों के विजेताओं को प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा कमल कांत शर्मा के सहयोग से बनाये गए डिजिटल एप का लोकार्पण किया। इस एप का मुख्य उद्देश्य सभी जैविक किसानों को उनके उत्पादों के विक्रय हेतु उपभोक्ताओं से सीधा संवाद स्थापित करवाना है।
वसन्तोत्सव-2023 समापन के अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि इस वर्ष पुष्प प्रदर्शनी में लोगों का उत्साह और प्रतिभाग देखने लायक रहा। उन्होंने कहा कि इन तीन दिनों में राजभवन के चारों ओर हर्ष व उल्लास का वातावरण था।
राज्यपाल ने कहा कि संकल्प से सिद्धि और फूलों से समृद्धि के मंत्र के साथ आगे बढ़कर देहरादून को फूलों की राजधानी व उत्तराखण्ड को फूलों का प्रदेश बनाना है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास रहेगा कि पूरे भारत में पुष्पों की जरूरत उत्तराखण्ड पूरी करे।
राज्यपाल ने कहा कि उद्यान विभाग एवं राज्य के किसानों के सम्मिलित प्रयासों ने पुष्प उत्पादन को व्यवसायिक स्वरूप प्रदान किया है। राज्य में पुष्प उत्पादन हेतु विद्यमान अवसरों एवं उद्यान विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का पूर्ण लाभ प्राप्त करते हुए पुष्प उत्पादकों द्वारा इसे विकास की ऊंचाइयों तक पहुंचाया जायेगा, जो उनकी आय में अपेक्षित वृद्धि में सहायक होगा।
उन्होंने कहा कि कृषि बागवानी और पर्यटन विभाग के क्षेत्र से उत्तराखण्ड में समृद्धि, खुशहाली आयेगी। हमें अपने उत्पादन को बढ़ाकर आर्थिक क्रांति लानी है। उत्तराखण्ड की फसलें अमूल्य धरोहर के समान है, जिनका संरक्षण, संवर्धन एवं आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित रखना हमारा कर्तव्य है।
प्रदेश में जैविक खेती के साथ-साथ एक कदम और आगे बढ़ते हुए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की आवश्यकता है, जिससे लोगों को उनके थाली में स्वास्थ्य वर्धक भोजन मिल सके।
समापन समारोह में राज्यपाल ने सभी विजेताओं, प्रतिभागियों, तथा प्रदर्शनी के मुख्य आयोजक उद्यान विभाग, संस्कृति विभाग सहित सभी सहयोगी विभागों को इस महोत्सव के सफल आयोजन के लिए बधाई दी।
इस अवसर पर कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि इस वसंतोत्सव-2023 में लोगों ने रिकॉर्ड भागीदारी की है। आने वाले समय में यह उत्सव और भी भव्य रूप लेगा। उन्होंने कहा कि कृषि-उद्यान के क्षेत्र में सरकार नये आयाम स्थापित कर रही है।
उन्होंने कहा कि 2025 तक उत्तराखण्ड उद्यायानीकरण, पुष्प उत्पादन के क्षेत्र में उत्पादन को दोगुना करेगा, जिससे पलायन रोकने में भी सहायता मिलेगी। इस अवसर पर उन्होंने कई विभागीय योजनाओं की जानकारी दी।
समापन समारोह में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखण्ड को प्रकृति का एक अलग ही वरदान प्राप्त है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां जीवन देने वाली औषधियां हैं, यहां शहद, घी सहित अन्य उत्पादों की देश एवं विदेशों में भारी मांग है।
उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों के माध्यम से किसानों को अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने के साथ-साथ उन्हें मार्केटिंग करने का भी मौका मिलता है।
पुरस्कार वितरण समारोह में प्रथम महिला श्रीमती गुरमीत कौर, पद्मश्री प्रेमचन्द्र शर्मा, विधायक पुरोला दुर्गेश्वर लाल, सचिव श्री राज्यपाल रविनाथ रामन, अपर सचिव रणीवर सिंह चौहान, निदेशक उद्यान डा. एच एस बावेजा, निदेशक कृषि गौरी शंकर, अपर निदेशक डॉ.जे.सी.केम, संयुक्त निदेशक डॉ. रतन कुमार, डॉ.सुरेश राम, डॉ.बृजेश गुप्ता सहित अनेक गणमान्य अतिथि, जनप्रतिनिधि तथा भारी संख्या में प्रदर्शनी में आये दर्शक भी उपस्थित थे।